आज पूरे देश में मुस्लिम समाज के लोगों द्वारा ईद का पर्व बड़ी धूम-धाम से मनाया गया । वही पानीपत की कलंदर पीर दरगाह मैं भी मुस्लिम समाज के लोगों ने ईद के पर्व को बड़े हर्षो उल्लास के साथ मनाया और एक दूसरे को गले मिल खुशियों की मुबारक़बाद दी।वही कलंदर दरगाह के सूफी अजाद अहमद ने सभी को ईद की बधाई देते हुए कहां की ईद एक कुर्बानी का त्योहार है। सूफ़ी अजाद अहमद ने कहा कि यदि कोई भगवान से हटकर किसी को ज्यादा मोहब्बत करता है तो भगवान उसी की कुर्बानी मांग लेता है ।
इस्माइला का उदाहरण देते हुए ….
मैं अपने शहजादे से बहुत ही ज्यादा मोहब्बत करती थी और अल्लाह ताला ने उन्हीं के लड़के की कुर्बानी मांग ली और उसे जंगल में ले कर गए उसकी आंखों पर पट्टी बांधी दी और से बोले कि अल्लाह तुम्हारी कुर्बानी लेना चाहता है तो उन्होंने कहा कि तुम छुरी मार दो जैसे ही छुरी मारी गई वह तो हट गया और सामने मेमना आ गया और तभी से यह परंपरा चली आ रही है ।जो इंसान जिस बच्चे से ज्यादा प्यार करता है उस बच्चे को अनेकों प्रकार की बीमारियां लग जाती है।
सूफ़ी अजाद अहमद ने बताया कि..
अल्लाह का कहना है कि यदि प्यार करना है तो सबसे पहले मुझसे प्यार करो यदि मुझसे ज्यादा प्यार किसी और के साथ करोगे तो कुर्बानी देनी पड़ेगी। सूफ़ी अजाद अहमद ने श्रीराम का उदाहरण देते हुए कहा कि उनकी माता उनसे बहुत अधिक प्यार करती थी इसलिए उनकी मां को उनकी कुर्बानी देनी पड़ी और श्री राम को वनवास जाना पड़ा। सूफ़ी अजाद अहमद ने बताया कि भगवान का कहना है कि हम किसी गरीब को जितना अच्छा खाना खिलाएंगे उनके दिल से इतनी ही अच्छी दुआएं निकलेगी ।सूफ़ी अजाद अहमद ने गुरुद्वारे का उदाहरण देते हुए कहा कि गुरुद्वारे में कितने प्यार से आने वालों को लंगर खिलाया जाता है और हिंदुस्तान के गुरुद्वारों में रोजानाकितने प्यार से आने जाने वाले लोगों को खाना खिलाया जाता है ।उन्होंने कहा कि भगवान ने सब को सब कुछ नहीं दिया जिसको पैसा दिए हैं उसके पास संतान नहीं है और यदि संतान दी है तो वह उसके कहने में नहीं है और यदि बच्चे है तो उनको अनेकों प्रकार की बीमारियां हैं ।
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